अयोध्या में राम मंदिर को लेकर आया योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान
माघ मेला में संतों से आशीर्वाद लेने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होगा। मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में अयोध्या आंदोलन से जुड़े संतों की अहम भूमिका होगी। बुधवार को गंगा यात्रा की अगुवाई करने प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री सबसे पहले संतों के शिविर में गए। उन्होंने पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, स्वामी वासुदेवानंद व संतोष दास से मिले और मंदिर निर्माण पर संतों से बातचीत की।
20-21 जनवरी को माघ मेला में संपन्न विहिप के मार्गदर्शक मंडल व वृहत संत सम्मेलन में चैत्र प्रतिपदा में मंदिर निर्माण शुरू करने की मांग उठी थी। संत सम्मेलन में सीएम को भी शामिल होना था लेकिन नहीं आ सके थे। इसलिए प्रयाग पहुंचते ही कार्यक्रम बदलकर मुख्यमंत्री संतों से मिले। सबसे पहले वह महंत नृत्य गोपाल दास के शिविर में पहुंचे। करीब 10 मिनट की बातचीत में राम मंदिर निर्माण और आंदोलन से जुड़े संतों को ट्रस्ट में जगह देने पर चर्चा हुई।
सीएम ने कहा कि स्वामी अवेद्यनाथ, अशोक सिंहल सहित कई संतों ने राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी। वे सभी अब इस दुनिया में नहीं हैं। जो हैं, उन्हें ट्रस्ट में जगह जरूर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने महंत नृत्य गोपाल दास को भरोसा दिलाया कि आपके सामने राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, यह श्रेष्ठ बात है। आपकी मौजूदगी में ही मंदिर का उद्घाटन भी होगा। संतों ने राम मंदिर निर्माण का जो बीज बोया था, अब वह पेड़ बन गया है।
वहां से मुख्यमंत्री खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री संतोषदास सतुआ बाबा के शिविर में पहुंचे। माघ मेला में संतों को मिल रही सुविधाएं के बारे में पूछा। इसके बाद सीएम पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के शिविर में पहुचे और आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री और शंकराचार्य के बीच राष्ट्ररक्षा, गोरक्षा, गंगा रक्षा, सनातन धर्म सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री को प्रसाद स्वरूप फल दिया। वहां से मुख्यमंत्री स्वामी वासुदेवानंद के शिविर पहुंचे। उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। मुख्यमंत्री ने उनसे भी शीघ्र ही भव्य राम मंदिर निर्माण शुरू होने की बात कही। स्वामी वासुदेवानंद ने मुख्यमंत्री से मांग की कि जमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ में श्राइन बोर्ड बनाने का जो प्रयास किया जा रहा है, उस पर सीएम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात करें ताकि नई परंपरा नहीं शुरू की जाए।
मुख्यमंत्री ने स्वामी वासुदेवानंद से खेती के बदलते स्वरूप और उसके परिणाम पर भी चर्चा की। कहा कि रासायनिक खेती से अनेक तरह के रोग हो रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए लोगों को जैविक खेती करनी चाहिए। गोवंश को छोड़ने के बजाय उन्हें पालकर उनकी सुरक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है। इसके लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों को आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री लगभग सवा घंटे तक मेला क्षेत्र में रहे। सभी जगह सीएम का शॉल और माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, प्रदेश भाजपाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, महापौर अभिलाषा गुप्ता आदि मौजूद रहे।