पुरस्कार वापस करने वालों अब वेतन और सभी सरकारी सुविधा भी वापस करने के लिए तैयार रहो: संदीप शर्मा
आजकल पुरस्कारों को वापस करने का दौर चल रहा है! अब इसी कड़ी में सामाजिक राजनीतिक उधमी संदीप शर्मा नहीं बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा है कि जिन व्यक्तियों ने अपने राष्ट्रीय राज्य विभागीय पुरस्कार को वापस करने का क्रम शुरू कर रखा है उन लोगों ने पुरस्कार के साथ मिली हुई राशि भत्ते सुविधाएं अभी तक वापस नहीं की है! संदीप शर्मा ने बताया है कि चंडीगढ़ में 7 जनवरी को मीडिया के सामने आकर राष्ट्रीय राज्य विभागीय पुरस्कारों को वापस करने पर मिली राशि भत्ते सुविधाएं वापस नहीं करने वालों को कानूनी नोटिस भेजने का एक अभियान शुरू करेंगे!
दरअसल केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार विरोध कर रहे हैं तो उनके पक्ष में हरियाणा पंजाब हिमाचल और चंडीगढ़ से राष्ट्रीय राज्य विभागीय पुरस्कारों को वापस करने की संख्या काफी है! लेकिन इसी बीच प्रेस क्लब चंडीगढ़ में 7 जनवरी को आयोजित होने वाली एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संदीप शर्मा उन विजेताओं को उनके कार्य और प्रतिबद्धता के लिए सलाम करेंगे!
लेकिन पवित्र सम्मानों और चिन्हों को ठुकराने वाले विजेताओं से यह मांग करेंगे कि वह साथ साथ मिले हुए नकद राशि (बिना ब्याज के), शासकीय नौकरी अगर मिली हो तो व्यवसायिक या निवासी मालकियत, शासकीय वाहन और सम्मान तस्वीरें जो उनके निवास स्थानों की दीवारों पर टंगी हुई है उसको भी तुरंत वापस करें!
इस सिलसिले में संदीप शर्मा का कहना है कि अगर ऐसे पुरस्कार विजेताओं को वाकई में ही उनके कार्य और सत्यनिष्ठा पर अभिमान है तो वह उन्हें मिले हुए हवाई और ट्रेन यात्रा अपने निजी सुरक्षा सुविधा एवं विशेष अधिकारों को भी वापस करें! इतना ही नहीं बल्कि संदीप शर्मा का कहना है कि विधि सलाहकारों के द्वारा उन व्यक्तियों को नोटिस जिन्होंने पुरस्कार वापस करने की घोषणा की है!
सामाजिक राजनीतिक उद्यमी संदीप शर्मा की केंद्र एवं राज्य सरकारों से यह मांग भी रहेगी कि ध्वज संहिता के तर्ज पर पुरस्कार श्वेता को भी अभिनीत करें ताकि इस भूमि के ऊपर हर व्यक्ति का मार्ग भाव सदैव जागृत रहे! उन्होंने एक कानूनी प्रकोष्ठ इसके लिए तैयार भी कर लिया है उसमें शामिल लोग इस कार्य का प्रारूप तैयार करके पुरस्कार वापस करने वालों की लिस्ट बना रहे हैं!